कब्ज से परेशान है बच्चा, रोज उसे पिलाएं किशमिश का पानी, जानें बनाने का सही तरीका और फायदे
कब्ज से परेशान है बच्चा, रोज उसे पिलाएं किशमिश का पानी, जानें बनाने का सही तरीका और फायदे
नई दिल्ली। सर्दी में बच्चों की सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस मौसम में बच्चों की डाइट का ध्यान नहीं रखा जाए तो उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों का लाइफस्टाइल और खान-पान ऐसा हो गया है कि वो अक्सर बाहर की चीज़ें खाना पसंद करते हैं। पेट भरने के लिए नुडल्स, चिप्स और स्नैक्स पर ज्यादा डिपेंड रहते हैं। पानी पीने के नाम पर कोल्ड ड्रिंक्स का ही अक्सर सेवन करते हैं। उनकी बिगड़ती डाइट उन्हें कब्ज का शिकार बना देती है। आप जानते हैं कि कब्ज़ की शिकायत बड़ों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी होती है जिसकी वजह से वो पॉटी में ज्यादा समय तक बैठे रहते हैं या फिर पॉटी करते समय आवाज़ें निकालते हैं।
कब्ज बड़ी बीमारी नहीं है, इसे ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खें बेहद असरदार हैं। आप भी अपने बच्चे की कब्ज की बीमारी से परेशान हैं तो उसे किशमिश का पानी पीलाएं। किशमिश का पानी बच्चों को कब्ज से निजात दिलाएगा जिसका बॉ़डी पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
किशमिश का पानी पीने के फायदे
किशमिश का पानी बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसका सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। किशमिश का पानी वज़न भी कंट्रोल रखता है, साथ ही चेहरे पर चमक भी लाता है। यह पानी बच्चों की आंतों को साफ करेगा, साथ ही पाचन को भी ठीक रखेगा। इसे पीने से कब्ज से निजात मिलेगी। कब्ज से परेशान बच्चे के लिए यह बेहतरीन दवा है।
आइए जानते हैं कि किशमिश का पानी कैसे तैयार करें
- किशमिश का पानी बनाने के लिए आप 10-12 मोटी किशमिश को अच्छे से पानी से वॉश कर लें।
- किशमिश को वॉश करने के बाद एक पैन में एक कप पानी लीजिए और उसमें वॉश की हुई किशमिश को डालकर उबालने रख दीजिए। कुछ देर बाद गैस बंद कर दीजिए और किशमिश के दाने पानी में ही पड़े रहने दीजिए।
- इन किशमिश को पानी में चार से पांच घंटों तक रहने दें। अब इस पानी और किशमिश को मिक्सी में पीस लें।
- पेस्ट को निकालकर छन्नी में छान लें और इस पानी को बच्चे को पीलाएं।
- छोटे बच्चे को दिन में दो बार दो चम्मच किशमिश का पानी पिलाने से कब्ज से निजात मिलेगी।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।